केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ‘नक्‍शे’ पोर्टल की शुरूआत की

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The Union Minister for Science & Technology and Earth Sciences, Dr. Harsh Vardhan inaugurating the Nakshe Portal, on the occasion of the 250th Anniversary of Survey of India, in New Delhi on April 10, 2017. The Minister of State for Science & Technology and Earth Sciences, Shri Y.S. Chowdary, the Secretary, Department of Science and Technology, Prof. Ashutosh Sharma and other dignitaries are also seen.

NEW DELHI: केंद्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भारतीय सर्वेक्षण (एसओआई) की 250वीं जयंती के अवसर पर आज नई दिल्ली में एक नए वेब पोर्टल “नक्‍शे” की शुरूआत की. भारतीय सर्वेक्षण वर्ष 1767 में अपनी स्‍थापना से ही भूभाग या टोपोग्राफी सहित प्राकृतिक और मानव निर्मित भौगोलिक विशेषताओं वाले टोपोग्राफिक नक्‍शे या ओपन सीरीज़ मैप्स (ओएसएन) तैयार कर रहा है, जो राष्ट्रीय मानचित्र नीति-2005 की पुष्‍टि में है. इन ओएमएन मानचित्रों को भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अनुरूप आधारयुक्‍त उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण प्रक्रिया के माध्यम से 1: 50,000 पैमाने पर पीडीएफ प्रारूप में “नक्‍शे” वेब पोर्टल से नि:शुल्‍क डाउनलोड के लिए उपलब्ध कराया गया है.

भारतीय सर्वेक्षण क्या है :

भारतीय सर्वेक्षण, देश की एक प्रमुख मानचित्रण एजेंसी है, जो इस वर्ष अपनी 250 वीं जयंती मना रही है. भारतीय सर्वेक्षण की उत्पत्ति वर्ष 1767 में हुई थी. यह भारत का सबसे पुराना वैज्ञानिक विभाग है और दुनिया में सबसे पुराने सर्वेक्षण प्रतिष्ठानों में से एक है. देश के वैज्ञानिक सर्वेक्षणों के मैपिंग प्रतिष्‍ठान की स्‍थापना 19वीं सदी में आज ही के दिन अर्थात 10 अप्रैल 1802 को द ग्रेट ट्रिगनोमेट्रिक सर्वे (जीटीएस) के साथ जाने-माने सर्वेक्षक कर्नल लम्बटन और सर जॉर्ज एवरेस्ट द्वारा की गई थी. भारतीय सर्वेक्षण (एसओआई) ने देश के हरेक हिस्से का सर्वेक्षण किया और नक्‍शा बनाया है और इन नक्‍शों ने भारत के राष्ट्र निर्माण की गाथा में एक अमूल्य भूमिका निभाई है. इसके अलावा ये आधुनिक भारत के लगभग सभी प्रमुख विकासात्‍मक गतिविधियों की नींव डालने में महत्वपूर्ण रहे हैं.

पोर्टल के  शुभारम्भ के बाद भूस्थानिक प्रतिमान पर चर्चा हुई:

पोर्टल के शुभारंभ के बाद भारतीय सर्वेक्षण जियो-पोर्टल और वेब सर्विसेज प्लेटफार्म का पूर्वालोकन किया गया तथा भारत में भूस्थानिक प्रतिमान पर एक पैनल चर्चा का भी आयोजन किया गया. यह प्रतिमान भारत में भूस्थानिक नीति फ्रेमवर्क पर उपयोगकर्ताओं के नजरिए से संबंधित है. देश के लिए जियोइड मॉडल के विकास पर एक तकनीकी प्रेजेंटेशन भी दिया गया. विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री वाईएस चौधरी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग सचिव डॉ. आशुतोष शर्मा भारत के सर्वेक्षक जनरल डॉ. स्वर्ण सुब्बा राव और कई अन्य वैज्ञानिक और भू-स्थानिक उद्योग के पेशेवर भी इस अवसर पर उपस्थित थे.

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