By Jiopost.com
Lucknow: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सांसद केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा बार-बार चुनाव आयोग में निष्पक्ष चुनाव के लिए पुलिस महानिदेशक, मुख्य सचिव से लेकर जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को हटाने की मांग कर चुकी है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि ध्वस्त कानून व्यवस्था के बाबजूद चुनाव आयोग ने हमारी शिकायत पर ध्यान क्यों नहीं दिया।
मौर्य ने कहा कि हाथरस के सादाबाद से उत्तर प्रदेश चुनाव की रक्तरंजित पटकथा लिखने की शुरूवात सपा-बसपा ने कर दी है। हाथरस में सपा-बसपा के खूनी संघर्ष में सरेआम गोलियां चली एक व्यक्ति मारा गया, कई घायल हो गए। लेकिन कानून व्यवस्था के जिम्मेदार आखें बंद किए रहे। प्रथम चरण के चुनाव की तिथि नजदीक है। दिनों दिन सत्ता से दूर होने के आभास ने सपा-बसपा को ‘‘मरो या मारो बस सत्ता हथिया लो” की स्थिति में पहुंचा दिया है। जो आदर्श चुनाव आचार संहिता पर भी प्रश्न चिन्ह है।
उन्होनें यह भी कहा कि जिस समय सादाबाद में यह घटना घट रही थी उसी समय लखनऊ में चुनाव आयोग की समीक्षा बैठक चल रही थी। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि मुख्य चुनाव आयुक्त सहित उनकी टीम ने अवश्य ही संज्ञान लिया होगा। उन्होनें यह भी कहा कि बार-बार चुनाव आयोग से मांग के बावजूद स्वतंत्र निष्पक्ष और भय मुक्त चुनाव के लिए भाजपा की मांग की उपेक्षा चुनाव आयोग क्यों कर रहा है यह आश्चर्य है?
श्री मौर्य ने दोहराते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यसचिव और पुलिस महानिदेशक को हटाया जाए जो सपा के झण्डाबरदार बनकर काम कर रहे है। अन्यथा निष्पक्ष, स्वतन्त्र तथा भयमुक्त चुनाव सम्भव नहीं है। इसके साथ ही भाजपा द्वारा चुनाव आयोग को भेजी सूची में सपा कार्यकर्ताओं के रूप में कार्यरत जिलाधिकारियों और एसपी , एसएसपी के हटे बिना प्रदेश में निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है।