New Delhi: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आज 11 नवंबर को आने वाला है. अभी से सभी प्रमुख दलों ने अपनी अपनी सरकार बनाने के दावे कर रहे है. सुबह 8 बजे से वोटो की गिनती शुरू होने वाली है. कुछ ही घंटों में परिणाम आना शुरू हो जायेगा. दोपहर तक पता लग जायेगा कि किस राज्य में किसकी सरकार बनती है. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब सहित मणिपुर और गोवा पर भी सबकी निगाहें लगी है. इस चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती अरविन्द केजरीवाल की आप पार्टी को मिली है, क्योंकि दिल्ली का चुनाव बाकी चुनाव से भिन्न है. आप पार्टी की दिल्ली से बाहर के चुनाव में अग्नि परीक्षा है . अब देखना है कि पंजाब और गोवा में क्या आप की अरविन्द केजरीवाल सरकार बना पाती है.
यूपी सहित पांच राज्यों में किस पार्टी की होगी सतरंगी होली…..
उत्तर प्रदेश देश ही नहीं विश्व की निगाहें
उत्तर प्रदेश में देश की केंद्रीय सत्ता पर काबिज बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. वर्तमान यूपी सरकार सपा के अखिलेश यादव अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब होते हैं कि नहीं कुछ ही घंटों में साफ हो जायेगा.यूपी की सत्ता से दूर रही बीएसपी की मायावती की भी कठिन परीक्षा है. क्योंकि पिछ्ले लोक सभा चुनाव में हार के साथ मतदान प्रतिशत बढ़ने का फायदा क्या मायावती को यूपी विधानसभा चुनाव में मिल मिल पायेगा.

उत्तराखंड में कांग्रेस या बीजेपी
उत्तराखंड चुनाव बीजेपी की लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि केंद्र में सरकार बनने के बाद बीजेपी पर उत्तराखंड की सरकार को हटाने का खड्यंत्र रचने का आरोप लगा था. लेकिन हरीश रावत अपनी सरकार बचाने के कामयाब रहे थे. उत्तराखंड में कांग्रेस या बीजेपी किसकी बनेगी सरकार कुछ ही समय में साफ हो जायेगा.
पंजाब में मुकाबला दिलचस्प
इस बार पंजाब चुनाव में लोगों को सत्ता में काबिज पुरानी पार्टियों की जगह कुछ अलग करने का मौका मिला है. आम आदमी पार्टी को पंजाब की कमान सौपने का विकल्प मिला है. अपनी साफ छबि के साथ दिल्ली की पूरी आम आदमी की सरकार जोर शोर से पंजाब की सत्ता हासिल करने के लिए लगी थी. अब देखना है कि केजरीवाल अकाली और कांग्रेस को कितना नुकसान पहुचाते हैं.
मणिपुर और गोवा
अगर बात करे गोवा की तो लंबे समय से सत्ता पर काबिज रही बीजेपी के लिए भी इस बार आम आदमी पार्टी से बड़ी चुनौती मिली है. कुछ ही घंटों में सबसे पहले गोवा की सरकार का रिजल्ट आएगा. मणिपुर की बात करे तो बीजेपी सत्ता की चावी अपने हाथ में लेने के लिए पुरजोर कोशिश की है.
नोट बंदी पर चुप्पी साधी पार्टियों ने
नोटबंदी का फायदा बीजेपी को मिलता दिखा रहा है. देश का राजनितिक विशेषता के लिए प्रसिद्ध सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की पहले करीब 1-5 चरणों के चुनाव में नोट बंदी का राग अलाप रही पार्टियों ने आखरी चरण के चुनाव में नोट बंदी पर बीजेपी को नहीं घेरा. यानि विपक्षी पार्टियों को लगने लगा कि नोट बंदी का राग अलापने से कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है. इसका फायदा सीधे तौर पर बीजेपी को ही मिलेगा.