सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कही ये बड़ी बातें ..

गौरक्षा के नाम पर हिंसा कर रहे लोगों पर सख्‍ती दिखाएं राज्‍य सरकारें: नरेन्द्र मोदी

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The Prime Minister, Shri Narendra Modi at the All Party Meeting, in Parliament House, in New Delhi on July 16, 2017.

NEW DELHI: मानसून सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी, आतंकवाद , देश के कई हिस्सों में आई बाढ़, गौरक्षा के नाम पर गौरक्षकों की गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार आदि विषयों पर सभी दलों के नेताओं के साथ चर्चा की. आइये जानते हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किस विषय पर क्या कहा…

मॉनसून सत्र: समय, संसाधन और सदन की मर्यादा का ध्‍यान
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘कल से मॉनसून सत्र का प्रारंभ हो रहा है. आज समय की मांग है कि समय का ज्‍यादा से ज्‍यादा उपयोग हो. मुझे उम्‍मीद है कि मॉनसून सत्र में भी समय का सदुपयोग किया जाएगा और ये सत्र Parliament Productivity के मामले में रिकार्ड बनाएगा. इसके लिए सभी दलों की सहभागिता आवश्‍यक है. समय, संसाधन और सदन की मर्यादा का ध्‍यान रखते हुए सार्थक विचार-मंथन से ही हम सभी अपनी जिम्‍मेदारियोंको भली-भांति निभा सकते हैं.’

जीएसटी के लिए सभी दलों का आभार व्यक्त किया :
बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘जीएसटी के समय जिस तरह से सभी राजनीतिक दल एकसाथ आए, उसके लिए मैं एक बार फिर आप सभी का आभार व्‍यक्‍त करता हूं. जीएसटी लागू हुए 15 दिन से ज्‍यादा हो रहे हैं और इन 15 दिनों में ही सकारात्‍मक परिणाम दिखाई देने लगे हैं. कई राज्‍यों के बॉर्डर से चुंगी हट चुकी है और ट्रकों की आवाजाही आसान हुई है. राज्‍य सरकारों के सहयोग से केन्‍द्र सरकार प्रयास कर रही है कि जिन व्‍यापारियों ने अब भी जीएसटी के लिए रजिस्‍ट्रेशन नहीं कराया है, वो जल्‍द से जल्‍द इस प्रकिया को पूरा करें.’

उत्‍तर-पूर्वी राज्‍यों में बाढ़ पर भी बोले पीएम नरेन्द्र मोदी :
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘देश के कई हिस्‍सों में और विशेषकर उत्‍तर पूर्व के राज्‍यों में बाढ़ और बारिश की वजह से संकट के हालात बने हुए हैं. केंद्र सरकार राज्‍यों के संपर्क में है और इस पर लगातार नजर रख रही है. एनडीआरएफ समेत केंद्र सरकार की तमाम एजेंसियां बाढ़ राहत के कार्य में जुटी हुई हैं. राज्‍य सरकारें को कहा गया है कि वो किसी भी तरह की आवश्‍यकता पड़ने पर तुरंत बताएं.’

आतंकवाद पर सख्‍ती :
प्रधानमंत्री ने हाल ही में अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं पर हुए आतंकवादी हमले और देश में बढ़ रही आतंकवादी घटनाओं पर कहा कि ‘कुछ दिन पहले अमरराथ यात्रियों पर आतंकवादी हमले से पूरा देश सदमे मे हैं. मैं इस हमले में अपनी जान गंवाने वाल श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि देता हूं और मेरी संवेदनाएं पीडि़त परिवारों के साथ है. सरकार इस हमले के जिम्‍मेदार आतंकवादियों को सज़ा देकर ही रहेगी. जम्‍मू-कश्‍मीर में शांति बनाए रखने के लिए और देश विरोधी ताकतों को जड़ से खत्‍म करने के लिए हम सब पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. नीतियों को लेकर अटल जी ने जो मार्ग तया किया था, ये सरकार उसी पर चल रही है.’

गौरक्षा के नाम पर हिंसा कर रहे लोगों पर सख्‍ती दिखाएं राज्‍य सरकारें: नरेन्द्र मोदी
गौरक्षा के नाम पर देश में बढ़ रही गुंडागर्दी के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘गौरक्षा को कुछ असामाजिक तत्‍वों ने अराजकता फैलाने का माध्‍यम बना लिया है. देश में सौहार्द बिगाड़ने में लगे लोग भी इसका फायदा उठा रहे हैं. देश की छवि पर भी इसका असर पड़ रहा है. कानून व्‍यवस्‍था को बनाए रखना राज्‍य सरकार की जिम्‍मेदारी है,राज्‍य सरकारों को ऐसे असामाजिक तत्‍वों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए. राज्‍य सरकारें को ये भी देखना चाहिए कि कहीं कुछ लोग गौरक्षा के नाम पर अपनी व्‍यक्तिगत दुश्‍मनी का बदला तो नहीं ले रहे. हम सभी राजनितिक दलों को गौरक्षा के नाम पर हो रही इस गुंडागर्दी की कड़ी भर्त्‍सना करनी चाहिए.’

भ्रष्‍टाचार के खिलाफ कार्रवाई:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ‘पिछले कई दशकों में नेताजी की साख हमाने बीच के ही कुछ नेताओं के बर्ताव की वजह से कठघरे में है. हमें जनता को ये भरोसा दिलाना ही होगा कि हर नेता दागी नहीं, हर नेता पैसे के पीछे नहीं भागता. इसलिए सार्वजनिक जीवन में स्‍वच्‍छता के साथ ही भ्रष्ट नेताओं पर कार्रवाई भी आवश्‍यक है. हर राजनीतिक दल की जिम्‍मेदारी है कि वो अपने बीच मौजूद ऐसे नेताओं को पहचाने और उन्‍हें अपने दल की राजनीतिक यात्रा से अलग करता चले. जिन लोगों ने देश को लूटा है, उनके साथ खड़े रह कर देश को कुछ हासिल नहीं होगा.’

इसके आलावा राष्ट्रपति चुनाव पर भी बोले प्रधानमंत्री:
9 अगस्‍त को भारत छोड़ो आन्‍दोलन के 75 वर्ष हो रहे हैं, हमें इस पर संसद में चर्चा करनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्‍ट्रपति चुनाव आम सहमति से होता तो अच्‍छा होता. इसके बावजूद चुनाव अभियान का गरिमा और शालीनता के साथ होना संतोष की बात है. इसके लिए सभी दल बधाई के पात्र हैं. सभी पार्टियां अपने सांसदों-विधायकों को मतदान हेतू प्रशिक्षित करें ताकि एक भी वोट खराब न हो.

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