अजय कुमार
NEW DELHI: पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने ‘जनता को ये साथ पसंद है’ का नारा दिया था, लेकिन शायद यूपी की जनता को ये साथ पसंद नहीं आया था. जनता ने सपा- कांग्रेस के गठबंधन को नकारते हुए बीजेपी को यूपी की राजगद्दी पर बैठा दिया था. अब इस गठबंधन में खटास पड़ती दिख रही है. विधानसभा चुनावों में सपा-कांग्रेस गठबंधन के पूरी तरह से फेल होने के बाद पहली बार इस मुद्दे पर बात करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने रविवार को मीडिया से कहा कि उनकी पार्टी अब अकेले ही चुनाव लड़ेगी. इसलिए माना जा रहा है कि यूपी के लड़कों की दोस्ती अब टूटने की कगार पर आ गयी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राज बब्बर ने कहा है कि ‘हमने ये फैसला किया है कि आगामी नगर निगम चुनाव में हम बिना किसी पार्टी से गठबंधन किए ही चुनाव लड़ेंगे और ये बात समाजवादी पार्टी के साथ भी लागू होती है.’ उन्होंने कहा कि यूपी विधानसभा चुनावों की हार के बाद पार्टी के पदाधिकारियों ने एक महीने में कई बार बैठकें की. इसके बाद ही हम इस फैसले पर पहुंचे हैं.
कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में किया जायेगा गठबंधन पर विचार: राज बब्बर
बब्बर ने कहा कि कोई भी फैसला लेने से पहले पार्टी नेतृत्व के लिए ये जरूरी है कि वह गठबंधन पर विचार कर लें. इसके लिए जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं, चुनाव विजेताओं और उन लोगों के साथ बैठक करना बाकी है जिन्हें पिछले चुनावों में 1 लाख से अधिक वोट मिले. राज बब्बर ने कहा कि पार्टी के अधिकारियों को आगामी चुनावों पर ध्यान केंद्रित करने और प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए कहा गया है.
अखिलेश ने कहा था गठबंधन आगे भी बना रहेगा:
विधानसभा चुनावों में हार के बाद अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस प्रेस कांफ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा था कि इस हार से सपा-कांग्रेस गठबंधन को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. हमारा गठबंधन आगे भी बना रहेगा और हम आगे भी साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे.
आपको बता दें कि सपा-कांग्रेस गठबंधन ने विधानसभा चुनावों में केवल 54 सीट ही जीत पाई थी. जिसमे सपा 47 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी तो 105 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस सिर्फ 7 सीटें ही जीत सकी थीं.